5 TIPS ABOUT HINDI KAHANI YOU CAN USE TODAY

5 Tips about hindi kahani You Can Use Today

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किया गया है। लेकिन इनकी बाद की कहानी यथार्थवादी कहानियाँ हैं जिनमें ग्रामीण और

कहानियाँ लिखी । बैगन का पौधा, झेलम के सात पुल छीटे आदि कहानी - संग्रह इनके इन्हीं

चंदनपुर राज्य की समृद्धि चारों ओर खुशबू की तरह फैल कर पड़ोसी राज्यों को ईर्ष्या की आग में झोंक रही थी। चंदनपुर में चंदन के विशाल जंगल थे। जिसके कारण इसका नाम चंदनपुर था इसके अलावा यहां हीरे की खानें ...

सबसे पहले हम अपने पाठकगण से यह कह देना आवश्यक समझते हैं कि ये महाशय जिनकी चिट्ठी हम आज प्रकाशित करते हैं रत्नधाम नामक नगर के सुयोग्य निवासियों में से थे। इनको वहाँ वाले हंसपाल कहकर पुकारा करते थे। ये बिचारे मध्यम श्रेणी के मनुष्य थे। आय से व्यय अधिक केशवप्रसाद सिंह

कष्टों के दो ही कारण हैं- एक धार्मिक अंधविश्वास और सामाजिक रूढ़ीवादिता और दूसरा

राजनैतिक पराधीनता ने निर्धन वर्ग को अपनी कहानियों का विषय बनाया। इन कहानीकारों

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह

है। मुशी प्रेमचन्द जिस अवधि में कहानियाँ लिख रहे थे उसी अवधि में कई कहानीकारों

के व्यक्तियों की मनोवृत्ति और उपेक्षित जन जीवन का चित्रण करने वाली कहानियोंमें

व्याप्त रूढ़ीवाद और कुरीतियाँ के दमन के उपाय सुझाए वहाँ राजनैति पराधीनता और

काली इटैलियन का बारीक लाल गोटेवाला चूड़ीदार पायजामा और हरे फूलोंवाला गुलाबी लंबा कुर्ता वह पहने हुई थी। गोटलगी कुसुंभी (लाल) रंग की ओढ़नी के दोनों छोर बड़ी लापरवाही से कंधे के पीछे पड़े थे, जिससे कुर्ते के ढीलेपन में उसकी चौड़ी छाती और उभरे हुए उरोजों चंद्रकिरण सौनरेक्सा

के आठ कहानी संग्रहों में इनकी सभी कहानियाँ संग्रहित हैं।

राजकन्या, जय संधि, मास्टर जी आदि, जैनेन्द्र कुमार

उद्भव व विकास ,हिन्दी के प्रमुख कहानीकार और कहानियाँ 

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